काशी में खुशहाली है देव दिवाली है
जगमग करता घाट बनारस, गजब की छटा निराली है,
तीनो लोक से देव पधारे, काशी में खुशहाली है,
जगमग करता घाट बनारस, गजब की छटा निराली है,
तीनो लोक से देव पधारे, कशी में खुशहाली है,
महादेव के नाम की सबने ज्योत जलायी है,
देव दिवाली है, देव दिवाली है,
देव दिवाली है, देव दिवाली है।
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय
दीप दान कोई गगन में दे कोई तुलसी तले जलाये,
कोई माँ गंगा की धरा में जगमग दीप बहाये,
लहर लहर की ज्योत मिलीं हैं दीप से दीप मिलें है,
चारो दिशा में मंगल है धरती पे प्राण खिले हैं,
रिद्धि सिद्धि मानवता की आज दिवाली है,
देव दिवाली है, देव दिवाली है
देव दिवाली है, देव दिवाली है।
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हर हर, हर महादेव जी, हर हर, हर शम्भू
हर हर, हर महादेव जी, हर हर
शिव शम्भू ने त्रिपुराशुर को जब परलोक पठाया,
देव लोक में देवों ने फिर ख़ुशी से दीप जलाया,
पुण्य पुण्य फैला फिर जग में पाप का हुआ निषेध,
आदित अंगि और हीं मुनि सब बाच रहे हैं वेद,
माई सारिका दुर्गा लक्ष्मी माता काली है,
देव दिवाली है, देव दिवाली है,
देव दिवाली है, देव दिवाली है।
ॐ जटाधराय, ॐ गंगाधराय, ॐ नमः शिवाय महादेवा,
ॐ जटाधराय, ॐ गंगाधराय, ॐ नमः शिवाय महादेवा,
ॐ जटाधराय, ॐ गंगाधराय, ॐ नमः शिवाय महादेवा,
ॐ जटाधराय, ॐ गंगाधराय, ॐ नमः शिवाय महादेवा,
ॐ जटाधराय, ॐ गंगाधराय, ॐ नमः शिवाय महादेवा