कार्तिक ग्यारस जन्मे श्याम सबको आज बधाई है
दोहा – जनम लियो एक बालक ने,
बर्बरीक पड्यो नाम,
शीश दान दे श्री कृष्ण को,
कहलाये बाबा श्याम।
कार्तिक ग्यारस जन्मे श्याम,
सबको आज बधाई है,
सबको आज बधाई है,
सबको आज बधाई है,
कार्तिक ग्यारस जन्में श्याम,
सबको आज बधाई है ॥
भीमसेन का पौत्र लाडला,
मौरवी माँ ने जाया लाला,
अहिलवती की आँख के तारे,
आज बधाई है,
कार्तिक ग्यारस जन्में श्याम,
सबको आज बधाई है ॥
खाटू में सब प्रेमी आये,
मेवा मिश्री केक भी लाये,
सब मिलकर उत्सव हैं मनाएं,
आज बधाई है,
कार्तिक ग्यारस जन्में श्याम,
सबको आज बधाई है ॥
रंग बिरंगे निशान हैं लाते,
नाचते गाते ख़ुशी मनाते,
कलयुग के राजा प्रगटे है,
आज बधाई है,
कार्तिक ग्यारस जन्में श्याम,
सबको आज बधाई है ॥
भाव देख भक्तों का बाबा,
उन पर अपना प्रेम लुटाता,
श्याम तेरी चौखट का भिखारी,
तू दातारी है,
कार्तिक ग्यारस जन्में श्याम,
सबको आज बधाई है ॥
कार्तिक ग्यारस जन्में श्याम,
सबको आज बधाई है,
सबको आज बधाई है,
सबको आज बधाई है,
कार्तिक ग्यारस जन्में श्याम,
सबको आज बधाई है ॥