कर्म के लेख मिटे ना रे भाई

  • karm ke lekh mite na re bhai

कर्म के लेख मिटे ना रे भाई
चाहे जितने जतन तू करले
कितनी कर चतुराई

कर्म लिखे को रोक सके ना करले लाख उपाय
वेद पुराण तू पढ़ सकता है
भाग्य पढ़ा ना जाए
किसके भाग्य में क्या लिखा है
जाने बस रघुराई

जो जो लिखा है किसमत में
फिर वो ही तो होता
कर्म लिखे का खेल है सारा
कोई हसता कोई रोता
दुनिया से लड़ जाएगा तू
करे भाग्य से कौन लड़ाई

अच्छे करम करे जो बन्दे
भाग्य बदल सकता है
राम नाम लेने से बन्दे
कुछ टल भी सकता है
राई को वो पर्वत करदे
और पर्वत को राई

मिलते-जुलते भजन...