कर किरपा तेरे गुण गावा
कर किरपा तेरे गुण गावा,
नानक नाम जपत सुख पावा,
तू वड दाता अन्तर्यामी,
सब मे हैं रविया पुरण प्रभ स्वामी,
कर कृपा ……
मेरे प्रभ प्रीतम प्राण अधारा,
हॅव सूंड़-सूंड़ जीवा नाम तुमारा,
कर कृपा ….
तेरी शरण मेरे सतगुुरु मेरे पूरे,
मन निर्मल होये संता दूरे,
कर कृपा …..
चरण कमल हिर्दय उरधारे,
तेरे दर्शन कऊ जाई बल्हारे,
कर कृपा……
कर कृपा तेरे गुण गावा,
नानक नाम जपत सुख पावा,
कर किरपा…..