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कान्हा मेरी राखी

  • Kanha Meri Rakhi

कान्हा मेरी राखी का,
कान्हा मेरी राखी का, तुझे कर्ज चुकाना है-०२
जन्मों जनम तक ये,
जन्मों जनम तक ये, अब रिश्ता निभाना है-०२
कान्हा मेरी राखी का, तुझे कर्ज चुकाना है।

बैठा बैठा क्या सोचे, पकड़ ले कलइया रे,
झूठे जग के झमेले में, खो ना जाऊं मैं भैया रे,
बन के खिवैया तुझे,
हो कान्हा बन के खिवैया तुझे,
परली पार ले जाना है,
जन्मों जनम तक ये, अब रिश्ता निभाना है,
कान्हा मेरी राखी का, तुझे कर्ज चुकाना है।

और इस भजन को भी देखें: श्याम मेरा भाई

रेशम की डोरी का, मान तुझे रखना है,
मैं ना कहूं कुछ भी, तुझको समझना है,
भूल से भी भूल मुझसे,
हो कान्हा भूल से भी भूल मुझसे, तुझको ना कराना है,
जन्मों जनम तक ये, अब रिश्ता निभाना है,
कान्हा मेरी राखी का, तुझे कर्ज चुकाना है।

जिस राह पे अरचु चले, वो राह अनजानी है,
थाम का उंगली मेरी, तुझे राह दिखानी है,
बन के उजाला तुझे,
हो कान्हा बन के उजाला तुझे, ये अँधेरा मिटाना है,
जन्मों जनम तक ये, अब रिश्ता निभाना है,
कान्हा मेरी राखी का, तुझे कर्ज चुकाना है।


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