कलजुग म रे तारणहार देव म्हारो भिलट रहयो गाजी रे
कलजुग म रे तारणहार
देव म्हारो भिलट रहयो गाजी रे
सच्चा मन सी जेन सुमरयो
पल म ओकी फेरी दी बाजी
माता मैदा की आँख को तारो
राजा रेलण को बेटो प्यारो
रोलगाव पाठन को मुकाम
भाई भैरु छे संगी साथी रे
बणी गादी नांगलवाड़ी म
लगी महिमा ऊनी पहाड़ी म
भाई जेन जसो भी सुमरयो
देव म्हारो सबई म छे राजी
करी आस पूरी रे भगतन की
खाली झोली भरी रे जन-जन की
लगई दे किनारा प नाव
देव छे भक्तन को मांझी रे
करा नमन थारा चरणन म
भाई उमेश ख राखो शरण म
हो लिख मोहन थारो गुणगान
चलाव कलम ताजी ताजी रे

