काग़ा बरया दिन करवे का रात सुहागन करवे दी

  • Kaaga Barya Din Karve Ka Raat Suhagan Karwe Di

काग़ा बरया दिन करवे का
रात सुहागन करवे दी।।

काग़ा बरया दिन करवे का
रात सुहागन करवे दी।।

सच्चा मलिक सबनु बक्शे
रात सुहागन करवे दी।।

काग़ा बरया दिन करवे का
रात सुहागन करवे दी।।

सबदे मत्थे बिंदी चमके
सबने माँग सिंदूर रहे।।

बुरा वक़्त सखियो नि ट्वादी
डेहरी तो भी डोर रहे।।

रह रह बरसे प्रीत पारी
बरसात सुहागन करवे दी।।

काग़ा बरया दिन करवे का
रात सुहागन करवे दी।।

नीली नीली वांगा छनके
गली गली डंके मेहंदी
नाथनी बूंदे झंझर झुमके
रैन जड़ो तक ज़िंद रहे।।

भर जीवन तक रोज रहे
चाहत सुहागन करवे दी।।

काग़ा बरया दिन करवे का
रात सुहागन करवे दी।।

करवा पुत्रा कंक पिता है
करवा वीरा साबरा।।

करवा शुभ दिन सर्वा शुभ पल
सागा संबंधी सगना का।।

करवा आप सुहाग सजाया
करवा आप सुहाग सजाया
जात सुहागन करवे दी।।

काग़ा बरया दिन करवे का
रात सुहागन करवे दी।।

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