जबान जैसी मीठी जगत में जबान जैसी खारी क्या

  • juban jaisi mithi jagat mai Juban jaisi khari kya

जबान जैसी मीठी जगत में

जबान जेसी मीठी जगत में
जबान जैसी खारी क्या
है पैसे का खेल जगत में
और दूसरी यारी क्या

बिन कुए एक बाग़ लगाया
फूलन की हुसियारी क्या
बिन महावत एक हस्ती देख्या
बिन राजा असवारी क्या

हाकम होके न्याय न जाणे
वो हाकम हकदारी क्या
क्षत्रिय हो के पीठ दिखावे
वो राजा क्षत्र धारी क्या

साधु होके साध न जाणे
वो साधु तपधारी क्या
ब्राह्मण होके वेद न जाणे
वो ब्राह्मण ब्रह्मचारी क्या

मित्र हो के कपट रचावे
उस मित्र संग यारी क्या
कहत कबीर सुनो भाई साधो
मूरख संग लाचारी क्या

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