जिसे चाहिये बाबा का खजाना वो अपने दोनों हाथ उठाना

  • jise chahiye baba ka khajana vo apne dono hath uthana

तर्ज : जिंदगी एक सफर है सुहाना

जिसे चाहिये बाबा का खजाना
वो अपने दोनों हाथ उठाना
हो..
जिसे आज खाली हाथ नही जाना
वो अपने दोनों हाथ उठाना
जय हो जय हो जय हो..
जय हो

1.सबसे पहले पायेगा वहीं,
सबसे ज्यादा ले जायेगा वहीं
छोड़ दिया जिसने शरमाना..
वो अपने..

2.जितनी जल्दी आओगे यहां,
उतनी जल्दी पाओगे यहां
कहीं पड़े नही फिर पछताना..
वो अपने..

3.दुनिया की तू परवा ना कर,
दुनिया भी है लाइन में इधर
कहने दो जो कहता है जमाना..
वो अपने..

4.हंसते गाते लूटोरे यहां,
ऐसी मस्ती पाओगे कहां
झोली भर के जिसे भी है पाना..
वो अपने..

5.हाथ जोड़ के अम्बरीष यूं कहै,
सब भग्तों को इतना तू दे
झोली पड़े नही कहीं फैलाना..
वो अपने..

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