जय भगवान परशुराम की

  • jay bhagwan parshuram ki

जय भगवान परशुराम की

धुनः दिल के अरमां आंसुओं में बह गए

जय जय जय, भगवान परशुराम की।
विष्णु के अवतार, भृगुवर राम की।।

जमदग्नि ऋषि तात, रेणुका मात है,
गौरवता के पुंज, छटा अभिराम की
जय जय जय

पापी दुर्जन दुष्ट चुण चुण मारयो,
ऋषियों मुनियों ने ली, सांस आराम की
जय जय जय

धरती का रथ, वेद के घोड़े लिये,
जीत ली बाजी महासंग्राम की
जय जय जय

धर्म-हित, ऋषि कश्यप को धरा दान कर,
राह ‘मधुप’ ली राम, लीला धाम की
जय जय जय

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