जाउंगी माँ के भवन

  • Jaungi Maa Ke Bhavan

चल सैयां मोहे ले के चल, माँ के भवन मोहे ले के चल,
ले के चल,
चल सैयां मोहे ले के चल, माँ के भवन मोहे ले के चल,
दर्शन को मन है बेकल, माँ के भवन मोहे ले के चल,
मेरे मन में हर्ष सता गया, मेरी माँ का बुलावा आ गया,
चल सजनी तैयारी कर, चल मइया के द्वारे चल,
चल सैयां मोहे ले के चल, माँ के भवन मोहे ले के चल।

करली माँ की चुनरी है तैयार, और बनाया सोने का है हार,
हम जायेंगे, दरश पायेंगे-०२
मेरा सोया नसीबा जगा गया, मेरी माँ का बुलावा आ गया,
चल सजनी तैयारी कर, चल मइया के द्वारे चल,
चल सजनी तैयारी कर, चल मइया के द्वारे चल, हां,
चल सैयां मोहे ले के चल, माँ के भवन मोहे ले के चल।

और इस भजन का भी अवलोकन करें: ओ आदिशक्ति जगदम्बा

पिंडी रूप गुफा में बैठी माँ, भक्तों को दर्शन देती है माँ,
ऊँचे भवन चढ़ जायेंगे, जय माता दी हम बुलायेंगे,
मेरे माँ का दर्शन भा गया, मेरी माँ का बुलावा आ गया,
चल सजनी तैयारी कर, चल मइया के द्वारे चल,
ऊँचे चढ़ाई चढ़ेंगे चल, चल मइया के द्वारे चल,
चल सैयां मोहे ले के चल, माँ के भवन मोहे ले के चल।

आरती की थाली करली तैयार, थाली सजाऊंगी मैं तो चालीस बार ,
हलवा चना मैं बनाउंगी, रोटी कंजिका मैं जिमाउंगी ,
चन्दन का तिलक मैं लगा गया, मेरी माँ का बुलावा आ गया,
चल सजनी तैयारी कर, चल मइया के द्वारे चल,
रेल पकड़ ले आ चल कर, चल मइया के द्वारे चल,
चल सैयां मोहे ले के चल, चल सजनी तैयारी कर।


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