जरा पास बैठो हे रमण बिहारी

  • Jara Pas Baitho He Raman Bihari

चरण देखे जाऊं या मुखड़ा निहारूं,
ये दिल दे दूँ पहले के जां पहले वारुं,
जां पहले वारुं,
ये कजरारी अंखियाँ, ये लटकारी अंखियाँ-०२
पलक में पिरो लूँ छवि मैं तिहारी-०२
जरा पास बैठो हे रमण बिहारी-०२
मुलाकात जाने हो फिर कब हमारी,
जरा पास बैठो हे रमण बिहारी-०२

ये सूरत जो राधा के मन में समाई,
जिसे देखकर मीरा महल छोड़ आयी,
महल छोड़ आयी,
मैं बलिहारी जाऊं उसपे मुरारी-०२
पलक में पिरो लूँ छवि मैं तिहारी-०२
जरा पास बैठो हे रमण बिहारी-०२
मुलाकात जाने हो फिर कब हमारी,
जरा पास बैठो हे रमण बिहारी-०२

और इस भजन का भी अवलोकन करें: मेरी श्यामा प्यारी

कई जन्म बांधे तपस्या के धागे,
किसी और संग कान्हा नेह ना लागे,
नेह ना लागे,
मेरी ऒर देखो हे गिरधारी-०२
पलक में पिरो लूँ छवि मैं तिहारी-०२
जरा पास बैठो हे रमण बिहारी-०२
मुलाकात जाने हो फिर कब हमारी,
जरा पास बैठो हे रमण बिहारी-०२


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