जन्म कल्याणक पार्श्व प्रभु का

  • janam kalynak parshav prabhu ka

जन्म कल्याणक पार्श्व प्रभु का,
तीन लोक के नाथ विभु का,
आओ मिल ध्यान करे, पार्श्वनाथ दादा का,
जन्म कल्याणक…..

पोष दशम की शुभ बेला, वारणासी में आई है,
अश्वसेन महाराजा घर, गूँज रही शहनाई है,
त्रिभुवन में छाया हर्ष अपार,
सब मिल करे जय जयकार,
नाम से जिनका, कष्ट मिटे सबका,
जन्म कल्याणक…..

धरती पे चाँद उतर आया, ऐसा गजब नजारा है,
पालने में देखो झूल रहा, वामा का दुलारा है,
मैया के हाथ मे रेशम की डोर,
ता ता थैया नाचे मन का मोर,
देव देवी नर ओर नारी, गावे गुण प्रभु का,
जन्म कल्याणक…..

नाकोड़ा हो या शखेंश्वर, समेत शिखर या नागेश्वर,
शंकर जैसे कंकर में, पारस वैसे पत्थर में,
रोम रोम ओर कण कण में,
अणु अणु, परमाणु में,
दिलबर ओर अनिल, गावे गुण प्रभु,
जन्म कल्याणक…..

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