जय जय भोलेनाथ की

  • Jai Jai Bholenath Ki

भांग धतूरा बेल चढ़े, शिव शंकर गौरीनाथ को,
पिए हलाहल गंगाधर जी, सोहे डमरू हाथ को।

भांग धतूरा बेल चढ़े, शिव शंकर गौरीनाथ को,
पिए हलाहल गंगाधर जी, सोहे डमरू हाथ को,
नंदीश्वर हैं रूद्र भयंकर, यही चराचर स्वामी,
मन में रहेऔर बसे मसाने, जय जय भोलानाथ को,
भांग धतूरा बेल चढ़े, शिव शंकर गौरीनाथ को,
पिए हलाहल गंगाधर जी, सोहे डमरू हाथ को।

लाल आँख तन मले भभूति, तीनो लोक में बोले तूती,
मुक्ति का शिव मार्ग स्वयं हैं, शिव नाम संजीवनी बूटी।

लाल आँख तन मले भभूति, तीनो लोक में बोले तूती,
मुक्ति का शिव मार्ग स्वयं हैं, शिव नाम संजीवनी बूटी,
भवसागर से पार लगाते, दिन हो चाहे रात हो,
मन में रहे और बसे मसाने, जय जय भोलानाथ को,
भांग धतूरा बेल चढ़े, शिव शंकर गौरीनाथ को,
पिए हलाहल गंगाधर जी, सोहे डमरू हाथ को।

लोचन त्रय हैं रूद्र विशाला, संतन के हितकारी हैं,
जटा जुट धर चले विषव पे, ताप पाप के हारी हैं।

लोचन त्रय हैं रूद्र विशाला, संतन के हितकारी हैं,
जटा जुट धर चले विषव पे, ताप पाप के हारी हैं,
होती नहीं भगत की हानि, चाहे कोई भी बात हो,
मन में रहे और बसे मसाने, जय जय भोलानाथ को,
भांग धतूरा बेल चढ़े, शिव शंकर गौरीनाथ को,
पिए हलाहल गंगाधर जी, सोहे डमरू हाथ को।

भगवान शिव के इस भजन को भी सुनें: कब से बुला रहा हूँ

शंभू सम ना देव कोई हैं, पार्वती वर प्यारे हैं,
चंद्र मुकुट गरमाल भुजंगी, कर में डमरू धारे हैं।

शंभू सम ना देव कोई हैं, पार्वती वर प्यारे हैं,
चंद्र मुकुट गरमाल भुजंगी, कर में डमरू धारे हैं,
शिव की शक्ति और बढ़े, जब पार्वती का साथ हो,
मन में रहे और बसे मसाने, जय जय भोलानाथ को,
भांग धतूरा बेल चढ़े, शिव शंकर गौरीनाथ को,
पिए हलाहल गंगाधर जी, सोहे डमरू हाथ को।


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