जय जगन्नाथ कोई नहीं तुझसा यहाँ मेरा

  • Jai Jagannath Koi Nahin Tujhsa Yahan Mera

तेरे होने का प्रमाण मैं क्यों मांगू,
मैंने दिल में अपनी आस्था जगायी है।

हो तेरे होने का प्रमाण मैं क्यों मांगू,
मैंने दिल में अपनी आस्था जगायी है,
तुझे महसूस करके-०२
तेरे दर्शन को बड़ी दूर से आया मैं।

जय जय जगन्नाथ
जय जय जगन्नाथ
जय जय जगन्नाथ
कोई नहीं तुझसा यहाँ मेरा,
जय जय जगन्नाथ
जय जय जगन्नाथ
जय जय जगन्नाथ
कोई नहीं तुझसा यहाँ मेरा।

और श्री जगन्नाथ जी के इस भजन को भी देखें: खींचो खींचो रे रथ जगन्नाथ जी को

मन की भाषा समझता है तू,
बिन कहे सुनता है यूँ,
तुमने रचा संवारेगा तू,
जीवन ये तेरे हवाले प्रभु,
तेरे चरणों की धूल को मैं,
माथे पे लगा लूँ,
तुझसे हीं मेरा सवेरा,
तेरे होने का प्रमाण मैं क्यों मांगू,
मैंने दिल में अपनी आस्था जगायी है,
तुझे महसूस करके-०२
तेरे दर्शन को बड़ी दूर से आया मैं।

जय जय जगन्नाथ
जय जय जगन्नाथ
जय जय जगन्नाथ
कोई नहीं तुझसा यहाँ मेरा,
जय जय जगन्नाथ
जय जय जगन्नाथ
जय जय जगन्नाथ
कोई नहीं तुझसा यहाँ मेरा।


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