जहर पी गया शिव कोई ना संभाले

  • jahar pi gaya shiv koi na sanbhaale

जहर पी गया शिव कोई ना संभाले
प्रभु वाल्मीकि बचा ले बचा ले
ज़हर पी गया शिव…….

चढ़ा जा रहा है नसों में जहरीला
हुआ जा रहा है बदन नीला नीला
जली मेरी जिह्वा पड़े कंठ छाले
प्रभु वाल्मीकि बचा ले बचा ले
ज़हर पी गया शिव…….

मैं मर मर के पल पल प्रभु जी रहा हूं
समझ खुद को दाता जहर पी रहा हूं
सजा वार को अपने चरणी लगा ले
प्रभु वाल्मीकि बचा ले बचा ले
ज़हर पी गया शिव…….

खड़े हाथ जोड़े यह मंदिर शिवाले
तड़पते हैं राही मेरे नाग काले
तू अमृत दवात में मुझको छुपा ले
प्रभु वाल्मीकि बचा ले बचा ले
ज़हर पी गया शिव…….

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