जहां सारा तुझसे मुरादे है पाता

  • jahan sara tujhse muraade hai pata

जहां सारा तुझसे मुरादे है पाता हे शिरडी के दाता,
तेरे पास सबके नसीबो का खाता हे शिरडी के दाता,
चमकता हैं जब तक सूरज भी भाता,
रहेगा बना “स्वामी सेवक” का नाता हे शिरडी के दाता,
जहां सारा तुझसे मुरादे है पाता हे शिरडी के दाता॥

हा प्यार तेरा पक्का वा सत्य भावना,
और पूरी होती भावना से मन की कामना,
कामना की पूर्ति भी तेरा ही काम है,
तेरा काम ही खुशी दे भले ना दाम हैं,
दाम हम बेकर हम तुझे दे भी तो क्या,
क्या है औकात अपनी तू ही दे बता,
तू करुणा के बादल को हर जगह है बरसाता,
ये अपनी किस्मत है की हिस्से क्या पाता,
हे शिरडी के दाता…
जहां सारा तुझसे मुरादे है पाता हे शिरडी के दाता……

परमात्मा तुम आत्मा के बिच की कड़ी,
कड़ी यही तो मांगती है साधना बड़ी,
बड़ी हुई मुश्किलों से तुझसा पीर मिलता है,
मिलता है उन्हे जिन्के भाग्य लिखता है,
तू लिखता जो हाथ से वो टलता ही नहीं,
नहीं है टलता ना बदलता हमको है यकी,
तू अपने मुरीदो को दीन रात ही तकता है,
तकता हुआ उन्को तू घड़ी पल भी ना थकता है,
हे शिरडी के दाता…
जहां सारा तुझसे मुरादे है पाता हे शिरडी के दाता……

मिलते-जुलते भजन...