जगमग जगमग दिया बरत हे अम्बा की आरती होवय हो माँ

  • jagmag jagmag diya barat he amba ki aarati howe ho maa

जगमग जगमग दिया बरत हे,
अम्बा की आरती होवय हो माँ,

कंचन के थारी म धुपे कपूर धर,
माटी के दिया जरायेव,
पान फूल नारियल माता ध्वजा सुपारी,
तोरे चरन म चघायेव,
बजे ढोल संख नगाड़ा घंटा बजत हे,
अम्बा के आरती होवय हो माँ,

बइठे आसन माता दुर्गा भवानी ,
सोला सिंगार अंग साजे,
जम्मो परानी उतारे अम्बा के आरती,
झूमर झूमर सब नाचे,
पाके दर्शन दाई के नैना भरत हे,
अम्बा के आरती होवय हो माँ,

बिपदा बाधा हर लेवे जग के महतारी,
अन धन भंडार सब भरबे,
अमृत बरसदे मया के पउरे फुलवारी,
बस अतका किरपा करबे,
प्रेम पूरन हा माता पउरी परत हे,
अम्बा के आरती होवय हो माँ

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