जगत का रखवाला भगवान्

  • jagat ka rakhwala bhagwan

दोहा: जो भी चाहे मांग ले, भगवान् के भण्डार से,
कोई भी जाए ना खाली हाथ इस दरबार से।

जगत का रखवाला भगवान्,
अरे इंसान उसे पहचान।

सब के सर पर हाथ उसी के, उस के हाथ करोड़,
हरी नाम के मूर्ख प्राणी, मन की डोरी जोड़।
भूल के उसको भटक रहा क्यूँ डगर डगर नादान॥

छोड़ शरण दुनिया की बन्दे, प्रभु चरणो में आ,
करने वाला करेगा न्याय मन की विपत सुना।
हो जायेगी राम नाम से हर मुश्किल आसान॥

https://youtu.be/HJX6LomPMOA

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