इक बार चले आओ फिर आके चले जाना
एक बार चले आओ फिर आके चले जाना
जाने नहीं दूंगा मैं जरा जाकर तो दिखलाना
एक बार चले आओ…..
युग युग से प्यासी है दर्शन को मेरी अखियां
बस एक झलक अपनी दिखला कर चले जाना
एक बार चले आओ …….
चरणों से जो लिपटा हूं चरणों को ना छोडूंगा
चरणों की धूली को माथे से लगा जाना
एक बार चले आओ…….
कहते हैं तेरे दर पर रहमत का खजाना है
दो बूंद दया कि तुम बिखरा कर चले जाना
एक बार चले आओ…….
