हमे प्राण से भी प्यारी तू छाजल अमरी माँ

  • hume prano se bhi pyari tu chajal amari maa

रहे भगतो के सिर पे सदा तेरी चुनडी माँ
हमे प्राण से भी प्यारी तू छाजल अमरी माँ

एक तो तेरा भवन रामघड दूजा फ़तेह पुर धाम
जिस ने शीश जुकाया आ कर उस के बन गए काम
दोनों है धाम तेरे है पावन नगरी माँ
हमे प्राण से भी प्यारी तू छाजल अमरी माँ

सेडूराम जी हरितवाल का तूने वंश बडाया,
सदा राम को तूने दादी सचा मार्ग दिखाया
आज भी कर्ज धार है हम सारे चोधरी माँ
हमे प्राण से भी प्यारी तू छाजल अमरी माँ

तेरी किरपा से मौज उड़ाते तेरे बेटे पोते
सोरव मधुकर चिंता कैसी दादी तेरे होते
तेरे ही चरणों में रखदी पगड़ी माँ
हमे प्राण से भी प्यारी तू छाजल अमरी माँ

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