हम बहुजन हमार बाबा रतनवा

  • hum bahujan hamar baba ratanwa

हम बहुजन हमार बाबा रतनवा,
जेहि लिखल भारत के सुंदर विधनवा,
हम बहुजन हमार बाबा रतनवा,
बहुजन के नैया डूबत रहे सागर खींच के कईले किनरवा

चरम सीमा पर रहे मनुवादी नीतिया केहू नाही रहे सहरवा,
प्यासे के पानी ए भीम बाबा भखे के दिहल भोजनवा,
हम बहुजन हमार बाबा रतनवा

रहिया चलल दुश्वार रहे भाई लागे ना केहू के परछाई,
जाती पाती भेद भाव भीम मोरे बाबा एक पल में दिहले मिटाई,
देशवा के खातिर ए भीम बाबा ठान लिहल होखे के क़ुर्बनवा,
हम बहुजन हमार बाबा रतनवा

माता भीमाबाई के बानी लालनवा पूरा जग दुनिया जाने
पिता रामजीराव पाल पोस् के नान्हे से कईले सयाने
मऊ छावनी में मोरे बाबा भीम जी लिहले जनमवा
हम बहुजन हमार बाबा रतनवा

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