होश आता है बशर को उम्र ढल जाने के बाद

  • hosh aata hai bashar ko umar dhal jane ke baad

होश आता है बशर को,
उम्र ढल जाने के बाद,
वक़्त की कीमत समझता,
वक़्त के जाने के बाद……

जब बदलने का समय था,
तब तो तू बदला नही,
अब जो बदला क्या हुआ,
सब कुछ बदल जाने के बाद,
हौश आता है बशर को,
उम्र ढल जाने के बाद……

क्यू खड़ा अफ़सोश करके,
कल की बातो पे जनाब,
लौट कर आता नही है,
तीर चल जाने के बाद,
हौश आता है बशर को,
उम्र ढल जाने के बाद…..

आज तो बेमोल तुझको,
दे रहे है दाद सब,
लोग जाने क्या कहेंगे,
कल तेरे जाने के बाद,
हौश आता है बशर को,
उम्र ढल जाने के बाद……

आने से पहले मुसाफिर,
राहो में उलझा रहा,
लौटा फिर मायूस होकर,
गाड़ी निकल जाने के बाद,
हौश आता है बशर को,
उम्र ढल जाने के बाद……

होश आता है बशर को,
उम्र ढल जाने के बाद,
वक़्त की कीमत समझता,
वक़्त के जाने के बाद…..

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