हे नाथ नारायण वासुदेवा श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी

  • he nath narayan vasudeva shri krishan govind hare murari

श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी
हे नाथ नारायण वासुदेवा

भक्तो को तारा तो क्या तुम ने तारा,
रो रो के कहता है ह्रदय हमारा
जब जणू सब पाप हर लो हमारे
हे नाथ नारायण वासुदेवा

कहते हैं लोग तुम्हे दिनों का स्वामी
सुनते नहीं नाथ मेरी कहानी
अब तो दया कीजिए नाथ प्यारे
हे नाथ नारायण वसु देवा

लाखो की तमने है बिगड़ी बनाई
अब तो तो प्रभु जी मेरी बरी आई
फिर भूल से याद कीजिए नाथ प्यारे
हे नाथ नारायण वासुदेवा

लाखो में ढूंढा न पाया सहारा
अब तो तेरे दर पे पल्ला पसारा
खली न जाए तेरे दर से प्यारे
हे नाथ नारायण वासुदेवा ॥

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