हरी में खोया हूँ मैं

  • Hari Mein Khoya Hun Main

हरी से जागा हरी से सोया,
हरि के सपने दिल में संजोया,
हरि से जागा हरी से सोया,
हरि के सपने दिल में संजोया,
हरि बिन रोया हूँ मैं,
हरी में खोया हूँ मैं,
मैं खोया हरि में खोया हूँ मैं,
हो, हरि में खोया हूँ मैं,
मैं खोया हरि में खोया हूँ मैं।

हरि तुमने ही बताया कि, हर प्राणी में है भगवान,
हरि कृपा हुई जब मुझ पर, तब मैं बना इंसान,
हरि तुमने ही बताया कि, हर प्राणी में है भगवान,
हरि कृपा हुई जब मुझ पर, तब मैं बना इंसान,
हरि के नाम के जल से मन की- ०२
मैल को धोया हूँ मैं,
हरि में खोया हूँ मैं,
मैं खोया हरि में खोया हूँ मैं,
हरि में खोया हूँ मैं,
मैं खोया हरि में खोया हूँ मैं।

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हरि तुम ही दिखलाओ रस्ता, इस अंधे मन को,
ना जाने कितनों को सताने का, पाप है इस तन को,
हरि तुम ही दिखलाओ रस्ता, इस अंधे मन को,
ना जाने कितनों को सताने का, पाप है इस तन को,
अपने वाले इसे कितनों की-०२
अखियां भिगोया हूँ मैं,
हरि में खोया हूँ मैं,
मैं खोया हरि में खोया हूँ मैं,
हरि में खोया हूँ मैं,
मैं खोया हरि में खोया हूँ मैं।

शरणागत हूँ हरि मैं तुम्हारे ,जो करो स्वीकार है,
माफ करो या कोई सजा दो, सब तेरा अधिकार है,
शरणागत हूँ हरि मैं तुम्हारे ,जो करो स्वीकार है,
माफ करो या कोई सजा दो, सब तेरा अधिकार है,
हरि हरि बोल के हरि की नदी में-०२
खुद को डुबोया हूँ मैं,
हरि में खोया हूँ मैं,
मैं खोया हरि में खोया हूँ मैं,
हरि में खोया हूँ मैं,
मैं खोया हरि में खोया हूँ मैं।


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