हरि की कथा सुनाने वाले

  • Hari Ki Katha Sunane Wale

हरि नाम सुनाने वाले तुमको लाखों प्रणाम।
हरि कथा सुनाने वाले तुमको लाखों प्रणाम।

हम भूल रहे थे वन में ,बल खो बैठे थे तन में।
ओ राह बताने वाले, तुमको लाखों प्रणाम ।।१।।

हम लेकर विष का प्याला। जा रहे थे यम के गाला।
ओ सुधा पिलाने वाले तुमको लाखों प्रणाम ।।२।।

हम पार तेरा क्या पावें। बस सीस झुका यही गावें।
ओ प्रेम लुटाने वाले तुमको लाखों प्रणाम ।।३।।

तुम घट-घट अन्तर्यामी हम पतित और अज्ञानी।
श्री कृष्ण मिलाने वाले तुमको लाखों प्रणाम ।।४।।

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