हरे राम हरे रामा जपते थे हनुमाना
हरे राम हरे रामा, जपते थे हनुमाना,
इस मंत्र की महिमा को, सारे जग ने जाना
हरे राम हरे रामा, जपते थे हनुमाना,,,,,,,,
जब केवट ने मुख से, इस मंत्र के बोल पढ़े
श्री राम,,,,,,,श्री राम,,,,,,,,,,
त्रिलोक-पति आकर, केवट की नाव चढ़े
हरे राम हरे रामा, जपते थे हनुमाना,,,,,,,,
इस मंत्र की महिमा को, जब भिलनी ने जान लिया
श्री राम,,,,,,,श्री राम,,,,,,,,,,
रघुवर खुद घर आए, कितना सम्मान किया
हरे राम हरे रामा, जपते थे हनुमाना,,,,,,,,,
इस मंत्र से हनुमत ने, सागर को पार किया
श्री राम,,,,,,,श्री राम,,,,,,,,,,
उस कपटी रावण की, लंका को उजाड़ दिया
हरे राम हरे रामा, जपते थे हनुमाना,,,,,,,,,
इस मंत्र से हार गया, रावण सा बलशाली
श्री राम,,,,,,,श्री राम,,,,,,,,,,
इस मंत्र से तुलसी ने, रामायण लिख डाली
हरे राम हरे रामा, जपते थे हनुमाना,,,,,,,,,
