हर कोई साई का दीवाना है

  • har koi sai ka deewana hai

हर कोई साईं का दीवाना है,
सबको दरस पाना है,
हर कोई साईं का दीवाना है,
सबको दरस पाना है,
जाके सर शिर्डी में झुकाना है,
सबको दरस पाना है,
हर कोई साईं का दीवाना है,
सबको दरस पाना है।

आते संत और जोगी,
तन के मन के भी रोगी,
रैंक राजा में ना यहाँ,
भेद की रसामी,
छोटा ना बड़ा कोई,
देख है खड़ा वोही,
मांगते हैं जोड़े हाथ,
छोड़के शर्म,
सबको जग से लौट जाना है,
सबको दरस पाना है,
हर कोई साईं का दीवाना है,
सबको दरस पाना है।

गम सभी के ये हरता,
खुशियों से झोली भरता,
साईनाथ की तो है,
हर तरफ़ नज़र,
साई सबका है साथी,
ज्यो दिए में हो बाती,
करता है उजागर वो,
भक्तों की डगर,
कदमों में साई के जमाना है,
सबको दरस पाना है,
हर कोई साईं का दीवाना है,
सबको दरस पाना है।

कुछ पता नहीं कल का,
इस घड़ी या इस पल का,
उसके नाम से ही होगी,
जिंदगी सफल,
साईं नाम है न्यारा,
सुमिर ये जहान सारा,
पाक ऐसा है ये,
ज्यो गंगाजी का जल,
घट घट में ये जल बहाना है
सबको दरस पाना है
हर कोई साईं का दीवाना है,
सबको दरस पाना है……..

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