हर घर वैकुण्ठ धाम
ॐ नमो नारायणा,
ॐ श्री केशव माधव गोविन्दाय नमः।
कार्तिक की ये रात निराली,
दीपों की ज्योति में छिपी खुशहाली,
भक्त गाते हरी का नाम,
हर घर में हो वैकुण्ठ का धाम।
इस रात का हर दीप एक नयी शुरुआत है !
गंगा किनारे दीप जलते,
मन में हर भाव उमड़ते,
संसार का हर दुःख मिट जाए,
जो नाम विष्णु का गुनगुनाये,
भाग्य जगाने वाली ये रात आयी,
हर मन में श्रद्धा की लौ जगाई,
हरी नाम से सब पाप हरे,
विष्णु कृपा से जीवन भरे।
प्रभु विष्णु जब निद्रा से उठे,
जीवन के सब द्वार खुले,
माता लक्ष्मी संग विराजे,
अंधकार में दीप सजे।
भाग्य बदलने के लिए बस एक नाम काफी है- “हरी”
भक्तों ने गाया जय नारायण,
मन में बसा सत्य स्वरुप,
जगमग हुआ हर धाम प्रभु का,
सुख बरसा हर नाम प्रभु का,
गोविन्द के गुण गाओ रे, हरी नाम में ऐ रम जाओ रे,
भाग्य जगाने वाला ये भजन, भक्ति का सच्चा साधन।
मन के अंधेरो में उजियारा,
तेरा नाम बना सहारा,
जो तुझे ध्याये वो न डोले,
हर विपदा से तुहीं तो बोले।
और इस भजन का भी अवलोकन करें: दीप जलाएं भाग्य जगाएं आई देव दिवाली
हरी नाम में छिपा है उद्धार का मार्ग !
तेरी कृपा में सबका कल्याण,
तेरी दृष्टि में अमृत समाये,
जो तेरे चरणों को अपनाये,
कर्म से मोक्ष पा जाये,
हरी नारायण माधव गोविन्द,
तेरे नाम से जग आनंद,
भाग्य जगाने वाला प्रभु,
तेरे बिना कौन सम्ब्लू ।
कहतें हैं इस दिन देवता और पितृ एक साथ आशीर्वाद देते हैं।
जो स्नान करे दान दे और हरी का नाम जपे उसका भाग्य सचमुच जाग उठता है।
भक्त तेरे नाम से जागे,
सपने उनके सत्य में भागे,
तेरी ध्वनि में बस जाए मन,
तेरे चरणों में मिले जीवन,
तेरी लीला गूढ़ महान,
तेरी रूप अकल्पनीय अजा,
तेरे बिना सुना संसार,
तेरे नाम में उद्धार,
भाग्य जगाने वाली ये बेला,
हरी नाम बन जाये मेला,
कार्तिक पूर्णिमा का प्रकाश,
तेरे नाम से मिले विश्वास,
धन्य है वो मन जो हरी को पुकारे,
तेरे नाम से भय सारे टारे,
तेरे नाम से पाप झरे,
तेरे चरणों में कर्म सरे।
हर दीप में हरी बसते हैं, हर आशीर्वाद तेरे नाम से ढलता है।
तेरे नाम से रचना बनी,
तेरे ध्यान से पूजा घनी ,
तेरे नाम से जग में भक्ति,
तेरे बिना नहीं शक्ति,
हरी हरी नाम गूंजे नभ में,
तेरी कृपा बहती सब में,
भाग्य जगाने वाली तेरी राह,
तेरी नाम से सच्ची चाह।
ॐ नमो नारायणा !
ॐ लक्ष्मी नारायण नमो नमः !
