हर दुख हरलो हे शिव के राज दुलारे
हर दुख हरलो हे शिव के राज दुलारे
एक दंत भगवान तुम हो ये तेरा भक्त पुकारे।।
सिद्ध विनायक नाम तुम्हारा
सिद्ध मनोरथ करते हो।।
आठो सिद्धिया तेरी दासी
सबका दमन भरते हो।।
मैं भी कबसे तेरे चरणों में
खड़ा हू हाथ पसारे।।
हर दुख हरलो हे शिव के राज दुलारे
एक दंत भगवान तुम हो ये तेरा भक्त पुकारे।।
तुम्ही महोधर तुम लंबोदर
तुम्ही गज मुख धारी हो।।
शुभ लाभ के पिता निराले
गणपति संकट हरि हो।।
केवट बनकर तुही लगते
सबकी नाव किनारे।।
हर दुख हरलो हे शिव के राज दुलारे
एक दंत भगवान तुम हो ये तेरा भक्त पुकारे।।
भक्तो के निर्दोष रक्षक
सबके संवारते काज तुम्ही।।
मुझे भरोसा है मेरी भी
अब रखोगे लाज तुम्ही
कष्ट मिटा दो मेरे जैसे
सबके कष्ट निवारे।।
हर दुख हरलो हे शिव के राज दुलारे
एक दंत भगवान तुम हो ये तेरा भक्त पुकारे।।