हनुमान तेरी कृपा का भंडारा चल रहा है

    • hanuman teri kirpa ka bhandara chal raha hai

      हनुमान तेरी कृपा का भंडारा चल रहा है,
      हर और घना अँधेरा मेरा दीप जल रहा है,
      कोई रहा ना बेबस ना कोई अभागा,
      तूने दिया भगत को किस्मतो से ज़्यादा…..

      सुध बुध खोई मैंने मन हनुमान से जोड़ा,
      अब काहे मैं सोचूं क्या पाया क्या छोड़ा….

      सूखे में सावन सा तू कश्ती तूफानों की,
      गिनती ना हो पाए तेरे एहसानो की,
      भक्तों ने जब भी पुकारा तू आया दौड़ा दौड़ा,
      क्या पाया क्या छोड़ा……….

      जो भी हनुमान को पूजे और चाहे सच्चे मन से,
      कोसो दूर है रहता दुःख उसके जीवन से,
      सबने दुःख में छोड़ा पर तूने मुख ना मोड़ा,
      क्या पाया क्या छोड़ा……….

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