हार के आया हूँ अब दे आसरा

  • Haar Ke Aaya Hoon Ab De Aasara

ऐ मेरे सँवारे तू बात रास्ता,
हार के आया हूँ अब दे आसरा,
ना कोई मेरा तू बन जा साथी संवारा,
हार के आया हूँ अब दे आसरा,

छाई काली घटा छाया अँधियारा है
करदे रोशनी दिल से पुकारा है,
तेरे लिए सब संभव जैसा भी हो माजरा,
हार के आया हूँ अब दे आसरा…..

देने की आदत तेरी तेरा दस्तूर है,
ले ना पाया शयद मेरा कसूर है,
भरदे अब झोली जैसा भरा मायरा,
हार के आया हूँ अब दे आसरा…….

ख्वाइसए अस्मा दिल तो नादान था,
अपनी औकात से मैं तो अनजान था,
जाना गिर के मैंने क्या है मेरा दायरा,
हार के आया हूँ अब दे आसरा…….

तेरे निर्मल बाबा तू ही अनजान है
फैसला मंजूर जा ये तेरे नाम है,
होगा वही जो तू चाहेगा,
हार के आया हूँ अब दे आसरा………

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