गुरु सिंगाजी की सजी रे बारात

  • guru singhaji ki saji re barat

गुरु सिंगाजी की सजी रे बारात कुटुम सब भेलों हुयों…..

बाबा ओहम सोहम रथ जोतिया,
रथ गया हे बेकुंठ धाम, कुटुम सब भेलों हुयों,
गुरु सिंगाजी की सजी रे बारात…….

बाबा कंचन थाल संजोइया,
कपूर की ज्योति जलाय, कुटुम सब भेलों हुयों,
गुरु सिंगाजी की सजी रे बारात……

बाबा इंगला रे पिंगला आरती करे,
सुकमन होवे माल, कुटुम सब भेलों हुयों,
गुरु सिंगाजी की सजी रे बारात……..

बाबा सोहंग बागा फेरिया,
ओहंग धरी तलवार, कुटुम सब भेलों हुयों,
गुरु सिंगाजी की सजी रे बारात………

बाबा दास दल्लू की हे विनती,
राखो चरण आधार, कुटुम सब भेलों हुयों,
गुरु सिंगाजी की सजी रे बारात…….

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