गिरिजानन्दन थांने निमंत्रण

  • Girijanandan Thane Nimantran

गिरिजानन्दन थांने निमंत्रण,
‘मित्र मण्डल’ के मांय श्याम को उत्सव है ।

तर्ज – गाड़ी वाले हमें बिठाले ।

पहलो न्यूतो उत्सव को, म्हें तो गणपति न देवां,
हे गणराज पधारो थे, खूब करां थारी सेवा,
लडू मोतीचूर का म्हें तो, ल्याया थाल सजाय ।। श्याम को ।।

शुभ और लाभ क दाता सं, हाथ जोड़ कर अरज करो,
सगला मिल कर क थारे, चरणां माहीं शीश धरां,
शिव गौरा का लाल म्हे थांन्नै, कदसूं रह्या मनाय ।। श्याम को ।।

ऋद्धि सिद्धि लेकर आवो थे, उत्सव सफल बनावो थे,
प्रेम सुधा बरसावो थे, म्हारो मान बढ़ावो थे,
ऐसो रंग जमावो गणपति, सुध बुध सब बिसराय ।। श्याम को ।।

अपणो आसन ग्रहण करो, सज्यो श्याम दरबार है,
थारी महिमा गाय रह्या, मन में हर्ष अपार है,
‘मित्र मण्डल’ क सागे ‘बिन्नू’ थांन रहो रिझाय ।। श्याम को ।।

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