गौरा चली गई मेला रे शिव रह गऐ अकेला

  • gaura chali gai mela re shiv rah gaye akela

गौरा चली गई मेला रे शिव रह गऐ अकेला
पठरा गांव मे मेला भरो है,
मेला मे चाट का ठेला लगो है
ठेला मा पेलमपेला रे,शिव रह गऐ….

गौरा संग नंदी भी गओ है,नंदी भी गओ श्र्रंगी भी गओ है
चले गऐ शिव जी के चेला रे ,शिव रह गऐ…..

जाबे का मन उनको मी रहो है
पर हाथ मे रहे न धेला रे,भोला रह गऐ….

ईश्वर कहे भोला धीरज धारो
मेला मे बहुत झमेला रे,भोला रह गऐ…

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