गाँव में हो गयो हल्ला रे आगओ पार्वती को लल्ला रे
गाँव में हो गयो हल्ला रे हल्ला रे
आगओ पार्वती को लल्ला रे
रिद्धि सिद्धि के तुम हो दाता
भक्त जनों के भाग्य विधाता
तेरे दर पे जो भी आता
खाली ना वापस कोई जाता
हे नच रहों सारो मोहल्ला रे मोहल्ला रे
आओ गयो पार्वती को लल्ला रे
चारो तरफ देखो धूम मची है
रचना ये देखो कैसी रची है
सब केह रे चिल्ला चिल्ला रे
आओ गयो पार्वती को लल्ला रे
हाथी की लागे सुंड बड़ी प्यारी
मूषक की करते है ये सवारी
सबके जिगर को छल्ला रे छल्ला रे
आओ गयो पार्वती को लल्ला रे