गणपति जी ने प्रथम मनावा सा
मनावा मनावा मनावा मनावा
गणपति जी ने प्रथम मनावा सा गणपति ने
शिव शंकर के कुवर लाड़ले ॥
माँ गौरा के प्यारे दुलारे
ओ थाके रिद्धी -सिद्धी चवर धुलावे सा
गणपति जी ने……
न्हाई धोय चौकी पे बिठावा ॥
केशर को रे बाबा तिलक लगावा
मुसे पे चड़ कर आओ सा
गणपति जी ने…………….
धूप -दीप नय वैधय चढावा ॥
लडूवन को रे बाबा भोग लगावा
मुसे पे चढकर आओ सा