गणपति गजानन

  • Ganpati Gajanan

नाम तेरा होठों पे आया, चारो दिशा में मंगल छाया,
सुनी सी मेरी बगिया को, तूने है फिर से महकाया,
वर्षा हो रही शुभ की मुझपर, लाभ की बेला आयी है,
हे गणपति गजानन तूने कृपा ऐसी बरसायी है,
सूखे जेठ से जीवन में फिर हरियाली से छायी है।

हे गणपति गजानन तूने कृपा ऐसी बरसायी है,
सूखे जेठ से जीवन में फिर हरियाली से छायी है।

और इस भजन से भी आनंदित हों: सबसे पहले तुम्हें मनाऊँ गौरी सूत महाराज

बहा कभी न खुली हवा में, रुका हुआ मैं पानी था,
नइया लगी थी डोलने,
मोदक मोल का मूल ना जानी मैं मुर्ख अज्ञानी थी,
गयी ना कहीं मैं बोलने,
आज तरंगे नाच रही हैं, नई लहर लहरायी है,
हे गणपति गजानन तूने कृपा ऐसी बरसायी है,
सूखे जेठ से जीवन में फिर हरियाली से छायी है।

हे गणपति गजानन तूने कृपा ऐसी बरसायी है,
सूखे जेठ से जीवन में फिर हरियाली से छायी है।

गणपति बप्पा मोरया !
मंगल मूर्ति मोरया !
गणपति बप्पा मोरया !
मंगल मूर्ति मोरया !

जीवन में उलझे प्रश्नों की बौछारें जब आये थे,
बन गये उत्तर माला,
राह में चलते चलते जब अँधेरा घिर आया था,
तूने किया था उजाला,
तुझको पाकर फिर से मैंने रिद्धि सिद्धि सब पायी है,
हे गणपति गजानन तूने कृपा ऐसी बरसायी है,
सूखे जेठ से जीवन में फिर हरियाली से छायी है।

हे गणपति गजानन तूने कृपा ऐसी बरसायी है,
सूखे जेठ से जीवन में फिर हरियाली से छायी है।


मिलते-जुलते भजन...