गजानंद नाव मेरी पड़ी मजधार है

  • gajanand naav meri padi majdhaar hai

गजानंद नाव मेरी पड़ी मजधार है,
तू ही खिवैया जग का तू ही पतवार है,
गजानन्द नाव मेरी पड़ी मजधार है……

तुम ही रिद्धि सिद्धि के दाता,
गजानंद पार करना,
नाव है बिच भंवर में,
मेरा उद्धार करना,
अब तो तेरे भरोसे हो, मेरा परिवार है,
गजानन्द नाव मेरी पड़ी मजधार है……

मेरे ओ गणपति देवा,
करूँ अब तेरी सेवा,
भोग लड्डुअन का लगाऊं,
दूर करो कष्ट देवा,
तुझको पहले मनाता हो, सारा संसार है,
गजानन्द नाव मेरी पड़ी मजधार है……

मेरे परिवार को देवा,
सदा खुशहाल रखना,
दया की दृष्टि रखना,
तू मालामाल करना,
तेरा ही ध्यान लगता हो, सेवक हर बार है,
गजानन्द नाव मेरी पड़ी मजधार है…….

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