गाड़ी बाबा श्याम की

  • Gadi Baba Shyam Ki

जय श्री श्याम !

जिस गाड़ी के पीछे बाबा, होता तेरा निशान-०२
वो गाड़ी फिर चले मौज़ से,
वो गाड़ी फिर चले मौज़ से, होती ना परेशान,
वो गाड़ी दौड़ लगाये, कहीं भी रुक ना पाए-०२
वो गाड़ी दौड़ लगाये, वो सीधी खाटू जाए।

उस गाड़ी के अंदर, प्रेमी हैं बैठते-०२
उस गाड़ी के अंदर इत्तर महकते,
उस गाड़ी में बैठके कोई, कहीं भी जाएगा-०२
बिगड़े से बिगड़ा सांवरिया,
हो बिगड़े से बिगड़ा सांवरिया, बन जाता है काम,
वो गाड़ी दौड़ लगाये, कहीं भी रुक ना पाए-०२
वो गाड़ी दौड़ लगाये, वो सीधी खाटू जाए।

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उस गाड़ी की चिंता, खाटू वाला करता,
गाड़ी चलाने वाला, कभी भी ना डरता,
उस गाड़ी के अंदर चलते, भजन सुबह और शाम-०२
गाड़ी जब भी स्टार्ट करे तो,
गाड़ी जब भी स्टार्ट करे तो, बोले जय श्री श्याम,
वो गाड़ी दौड़ लगाये, वो सीधी खाटू जाए,
वो गाड़ी दौड़ लगाये, कहीं भी रुक ना पाए।

उस गाड़ी को प्रेमी, श्याम रथ कहते,
लाडले है श्याम जी के, श्याम संग रहते,
गाड़ी के स्टेरिंग पर बैठें,
गाड़ी के स्टेरिंग पर बैठें, खाटू वाला श्याम,
लेने आते लेकर जाते,
लेने आते लेकर जाते, मित्तल खाटू धाम,
वो गाड़ी दौड़ लगाये, कहीं भी रुक ना पाए,
वो गाड़ी दौड़ लगाये, वो सीधी खाटू जाए,
वो सीधी खाटू जाए, वो सीधी खाटू जाए।


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