ढोल बाजे गली गली
ढोल बाजे गली गली चहु दिशा ये बात चली,
जगा जगा पंडाल लगे है जगह जगह फंक्शन,
घर घर पधारे है पारवती नंदन,
ढोल बाजे गली गली चहु दिशा ये बात चली।।
गणराजा के जलवे निराले सारे जग के है रखवाले,
सरताज दुनिया के देवा हमारे गणपति गजानंद,
घर घर पधारे है पारवती नंदन,
ढोल बाजे गली गली चहु दिशा ये बात चली।।
गणपति जी है भुधि विनायक
तुम सुख दायक तुम फल दायक,
वीगन विनाशक देवा हमारे काटे सभी बंधन,
घर घर पधारे है पारवती नंदन,
ढोल बाजे गली गली चहु दिशा ये बात चली।।
क्या ब्रह्मा क्या विष्णु क्या शंकर,
प्रथम पुजाये हो तुम लम्बोदर,
काम विधि के बन जाये गए नमन करो निरंजन,
घर घर पधारे है पारवती नंदन,
ढोल बाजे गली गली चहु दिशा ये बात चली।।