धन्य धन्य हो भाग हमारे रिद्धि सिद्धि के दाता पधारे
एक दन्तम महाकायम
लंबोदर गजाननम्
विघनाश करम देवम
हे रामबं प्रमामायहम्।।
धन्य धन्य हो भाग हमारे
रिद्धि सिद्धि के दाता पधारे
प्रथम पूजनिये जिन्हे पुकारे
गण गणपति गजानन हमारे
धन्य धन्य हो भाग हमारे।।
विघन रजम विघन विनाशन
विघय विनाशक विघ्नेशराम।।
होंगे औलिक सारे काज
सच्चे मन से ध्यावे ध्यान
धन्य धन्य हो द्वार हमारे
रिद्धि सिद्धि के दाता पधारे।।
विद्यावर्ती स्वरपूम
ग्वारी पुत्र गणराजम
होगा मौलिक पूरा जीवन
धन्य धन्य हो द्वार हमारे
रिद्धि सिद्धि के दाता पधारे।।
धन्य धन्य हो भाग हमारे
रिद्धि सिद्धि के दाता पधारे
प्रथम पूजनिये जिन्हे पुकारे
गण गणपति गजानन हमारे
धन्य धन्य हो भाग हमारे।।
