देवो के सरताज गणेश जी

  • devo ke sartaj ganesh ji

सब से पेहले तुम्हे मनाते गोरी सूत महाराज
तुम हो देवो के सरताज

गंगा जल से अश्नान कराए केसर चंदन तिलक लगाये
रंग बिरंगे फूल है लाये सजा सजा के तुम्हे पेहराये
लम्बोधर घज विगन विनायक राखो मेरी लाज
तुम हो देवो के सरताज
सब से पेहले तुम्हे मनाते गोरी सूत महाराज
तुम हो देवो के सरताज

जो गणपति को प्रथम मनाता उसका सारा दुःख मिट जाता
रिधि सीधी सुख सम्पति पाता भव से बेडा पार हो जाता
मेरी नैया पार है करके सफल बना दो काज
तुम हो देवो के सरताज
सब से पेहले तुम्हे मनाते गोरी सूत महाराज
तुम हो देवो के सरताज

पारवती के पुत्र को प्यारे सारे जग के तुम रखवाले
भोले नाथ है पिता तुम्हारे सूर्ये चन्द्रमा मस्तक धारे
करू वंदना हरपल भगवान राखो मेरी लाज
तुम हो देवो के सरताज
सब से पेहले तुम्हे मनाते गोरी सूत महाराज
तुम हो देवो के सरताज

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