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देवकी के कोखि सँ जनमल

  • Devki Ke kokhi Se Janmal

देवकी के कोखि सँ जनमल कृष्ण कन्हैया रे
ललना रे विधि के लिखल संजोग यशोदा भेली मैया रे

जेहल मे जननी के नोर देवकी के लाल दूर गेल रे
ललना रे सोचि क केलथि संतोख नेना’के प्राण बचि गेल रे

पुलकित नन्द के दुआरि जनम लेल बालक रे
ललना रे देखू सखी रूप निहारि देखथि मैया अपलक रे

दीनघर बसन के दान कि संगे अन्न द्रव दान रे
ललना रे गोकुल मे नवल विहान बढ़ल नन्द-वंश मान रे

सुनू सुनू माय यशोदा जीबहु पूत तोहर रे
ललना रे पलना’मे डोलथि कन्हैया रचल शिव सोहर रे

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