देवी स्तुती

  • devi stuti

मां भवानी जग की रानी, तू सती भव भन्जनी
जग की जननी जगत माता , आदि माँ भव हारिणी
हर रूप में हर नाम से मां दुखियों की दुख हारणी
दुष्ट दानव को मिटाए मैया पाप की नाशिनी

चंडिका नर मुंडिका तु है मा कंकालिनी
तु ही दुर्गा तु ही काली तु ही मरघटवासिनी
पापियों का नाश करने तु खपर की धारिणी
चंद हो या मुंड कैटभ , तू असुर संघारिणी

देव सुर नर संत साधक सबकी तू अनुरागिनी
सिंघ् की करती सवारी माई पर्बतवासिनी
आदिशक्ति माँ भवानी , महिषासुर की मर्दनी
लकी निरंजन महिमा गाए , भक्तो की दुखःहारिणी

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