डगर है मुश्किल कठिन सफर है

  • Dagar Hai Mushkil Kathin Safar Hai

डगर है मुश्किल कठिन सफर है, मगर मुसाफिर जगा नहीं है-०२
जो सोएगा बस वही खोयेगा-०२
ये बात उसको पता नहीं है,
डगर है मुश्किल कठिन सफर है, मगर मुसाफिर जगा नहीं है-०२

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लगेंगे फल जब किसी वृक्ष में, वो पेड़ झुक जाएंगे स्वतः हीं-०२
अकड़ तने की बता रही है-०२
अभी फल इसमें लगा नहीं है,
डगर है मुश्किल कठिन सफर है, मगर मुसाफिर जगा नहीं है-०२

जो खानदानी रईस होते, मिजाज रखते हैं नर्म अपना-०२
तुम्हारा लहजा बता रहा है-०२
तुम्हारी दौलत नई नई है,
डगर है मुश्किल कठिन सफर है, मगर मुसाफिर जगा नहीं है-०२

जरा सा कुदरत ने क्या नवाजा,
कि आके बैठे हो पहली शफ में,
जरा सा कुदरत ने क्या नवाजा,
कि आके बैठे हो पहली शफ में,
अभी से उड़ने लगे हवा में-०२
अभी ये शोहरत नयी नयी है,
डगर है मुश्किल कठिन सफर है, मगर मुसाफिर जगा नहीं है-०२


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