दादी सती तेरे धाम पै बड़े गूंज रहे जयकारे

  • dadi sati tere dhaam pe bade gunj rahe jaikaare

हे दादी शती तेरे धाम पै बड़े गुंज रहे जयकारे

जो एकबै तेरे दर पै आता
खाली झोली कभी ना जाता
वो दिन दिन मोज उड़ाता बड़े अच्छे चलैं गुजारे —

नूंण दाल जो आकै चढावै
दादी शती की टहल पुगावै
फेर दादी शती पल भर मै करदे सै वारे न्यारे —–

तेरे री धाम की शौभा न्यारी
चौगरदे नै खिली फुलवारी
लाखों किस्मत से हारे तनै पकड़ कै हाथ उभारे—

विजय शर्मा तेरा लाडला बेटा
सब डाला तनै भरदिआ पेटा
महीपाल हे दादी शती जी बस गुण गावै सै थारे —

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