छोड़ो दारु का पीना

  • chodo daaru ka peena

छोड़ो दारु का पीना, मुशकिल कर देगी जीना,
आखिर मे होगा परेशान, खतरे में होगी तेरी जान….

दारू ये चीज हे ऐसी, करदे सब ऐस- तेसी,
पीने वालो से पूछो, क्या हे वो ऐसी- वेसी,
धन-दौलत को हर लेती, गरदीश से घर भर देती,
आखिर में होगा परेशान…..

दारू को जो भी पीता, अपना जलाते पीता,
धक्के वो खाते फिरता, वे मतलब करे फजीता,
नफरत सब इन से करते, फिर भी तो ये ना सुधरते,
आखिर में होगा परेशान…..

बीवी से जुदा करादे, बच्चो को ये पीटबादे,
नाली मे सर झुक बादे, जीते-जी ये मरबादे,
रिश्ते-नाते मिट बादे, दर-दर को ये भटकादे,
आखिर में होगा परेशान…….

ईश्वर से ध्यान लगाओ, अपना स्वरूप हे पाओ,
सत्संग से नाता जोड़ो, दारु से मुह को मोड़ो,
मानों ‘महेश’ का कहना, दारू से दूर ही रहना,
आखिर में होगा परेशान……

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