छप्पन करोड़ बस छप्पन करोड़

  • chhappan karod bus chhappan karod

दोहा– सितारे मंद पडजाये तो चमकाएं कहा उसको,
अगर सूरज हुआ ठंढ़ा तो गरमाये कहा उसको,
जमी को मौत आजाये तो दफनाए कहा उसको,
समुन्दर हो जाये नापाक नहलाएं कहा उसको,

देना हो तो दे मैया। मांग रहा करजोर,
ज्यादा मुझको चाहिए ना,
छप्पन करोड़ बस छप्पन करोड़,
धन बरसे तेरे आंगन में। अबकी देदे माँ नवराते में,
देना हो तो दे मैया…..

रोज रोज तुझे याद करु, जी मेरा दुख पावे माँ,
जीवन भर फिर मांगने की। ये आदत छूट जाए माँ,
इतने से काम चला लूंगा। मनको मैं समझा लूंगा,
देना हो तो दे मैया……

सोच समझ कर मुह खोलू। बहुत बड़ी ये बात नही,
बिन मतलब की बात करु। ये मेरी औकात नही,
माँ तेरी मर्जी ज्यादा दे। ज्यादा लगे तो आधा दे,
देना हो तो दे मैया…..

माया में मैं उलझ गया। कैसे गुण गाउ मैं मा,
इस माया से मुक्ति मिले। सेवा में लगजाऊ मा,
सब भक्तों की झोली भरो। चरणों की सेवा पक्की करो,
देना हो तो दे मैया। मांग रहा करजोर

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