चारों धाम से निराला अवधपुरी धाम
चारों धाम से निराला अवधपुरी धाम ।
रानी सीता के संग विराजे राजा राम ।।
सरयू के तट पे तुलसी मिलेगे,
तुलसी सुनाएँगे राम गुण गान ।
चारों धाम से निराला अवधपुरी धाम,
रानी सीता के संग विराजे राजा राम ।।
कैसे ह्दय में सिया राम को बसाया,
तुमको बताएँगे वीर हनुमान ।
चारों धाम से निराला अवधपुरी धाम,
रानी सीता के संग विराजे राजा राम ।।
अयोध्या की गलियों में लक्ष्मण के त्याग है,
शत्रु भरत की है महिमा बखान ।
चारों धाम से निराला अवधपुरी धाम,
रानी सीता के संग विराजे राजा राम ।।

